गुरुवार, 28 अप्रैल 2016

मजदूर मां के सपनों को बेटी ने किया साकार



Janjgir
suruchi sahu
जिला मुख्यालय से लगे हुए बलौदा विकासखंड के ग्राम जर्वे में श्रीमती शकुंतला साहू अपने पति की मौत के बाद अपने पिता के साथ रहती है वहीं मजदूरी कर वह अपने बच्चों को पढ़ा रही है। राज्य में प्रावीण्य सूची में दूसरे नंबर पर आने वाली सुरूचि उनकी ही बेटी है जिसे उसकी मां ने मजदूरी करते हुए पढ़ाया है। मां बेटी दोनों चांपा शादी में गए हुए थे जहां से आज दसवीं का परिणाम घोषित होना है जान जिद कर बेटी पहले ही घर आ गई थी वहीं मां शादी घर में ही रूकी हुई थी जहां पर बेटी के पूरे राज्य में दूसरे नंबर पर आने की जानकारी मजदूर मां को हुई तो वह खुशी से फूले नही समाई और तुरंत वह भी अपनी बेटी के पास आ गई। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से बात करते हुए सुरूचि साहू ने बताया कि पिता के मौत के बाद उसकी मां उसे लेकर नाना के घर जर्वे चली आई जहां नाना के घर रहते हुए वह पढ़ाई करती है। उसकी मां मजदूरी कर उसके पढ़ाई का पूरा खर्च उठाती है जिसने उसकी पिता की कमी उसे कभी महसूस नही होने दी। सुरूचि के नाना खेती करते हैं वहीं बड़ा भाई गायत्री संस्करण भी ग्यारहवीं में पढ़ता है जो उसकी पढ़ाई की ओर ध्यान देता है। पैसे के अभाव में सुरूचि ने कभी किसी से ट्यूशन नहीं लिया वहीं वह खुद ही अभावों के बीच में पढ़कर अपना हौसला बढ़ाते रही है। सुरूचि गणित लेकर आगे की पढ़ाई करना चाहती है वहीं उसका सपना इंजीनियर बनने का है। सुरूचि जिला मुख्यालय के विवेकानंद हायर सेकेण्डरी स्कूल में पढ़ती है जहां के प्राचार्य मनोज पाण्डेय का कहना है कि प्रावीण्य सूची के टाॅपर को माध्यमिक शिक्षा मंडल जितनी राशि का ईनाम देगी उतना स्कूल मैनेजमेंट की ओर से भी उसे दिया जाएगा वहीं नगर का गौरव होने की वजह से अब उससे बारहवीं कक्षा तक शुल्क नहीं लिया जाएगा।

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